PK Talks

Crypto Currency क्या है? चर्चा में क्यों है? प्रकार ,फायदे ,नुकसान।

0

आज जिसे देखो वो Cryptocurrencies के पीछे भाग रहा है. बहुत ही कम समय में Cryptocurrency ने financial market में अपना सत्ता मजबूत जाहिर कर दिया है. चूँकि Crypto currency को digital money भी कहा जा सकता है क्यूंकि ये केवल Online ही उपलब्ध है और इसे हम physically लेन देन नहीं कर सकते.

चर्चा में क्यों?

दुनियाभर में बिटक्‍वाइन और इथेरियम समेत तमाम क्रिप्‍टोकरेंसीस (cryptocurrency) को लेकर पिछले कुछ महीनों से निवेशकों में काफी क्रेज देखा जा रहा था. वहीं, टेस्‍ला (Tesla) के को-फाउंडर और सीईओ एलन मस्‍क (Elon Musk) ने भी कई क्रिप्‍टोकरेंसीस को सपोर्ट किया. एलन मस्‍क के सपोर्ट मिलने पर बिटक्‍वाइन (Bitcoin) और डॉगक्‍वाइन (Dogecoin) जैसी डिजिटल करेंसीस की कीमतें इस साल आसमान को छूने लगीं. इनकी बढ़ती कीमतों को देखते हुए बड़े ही नहीं छोटे निवेशकों ने भी इनमें पैसा लगाना शुरू कर दिया.

अब एलन मस्‍क के टेस्‍ला के प्रोडक्‍ट्स खरीदने पर बिटक्‍वाइन से पेमेंट लेने से इनकार करने और चीन के क्रिप्‍टोकरेंसीस पर बैन लगाने से 19 मई 2021 को ज्‍यादातर डिजिटल करेंसीस धड़ाम हो गईं. सिर्फ बिटक्‍वाइन और इथेरियम की कीमतों में बुधवार को हुई गिरावट के कारण क्रिप्‍टोकरेंसी मार्केट कैप (Cryptocurrency Market Cap) 1 लाख करोड़ डॉलर घट गया.

सभी क्रिप्‍टोकरेंसी में 19 मई को दर्ज की गई जबरदस्‍त गिरावट

बिटक्‍वाइन का भाव साल 2021 के उच्‍चतम स्‍तर से 50 फीसदी से ज्‍यादा गिर चुका है. अप्रैल 2021 में एक बिटकॉइन की कीमत 65,000 डॉलर थी, जो अब घटकर 33,870 डॉलर के करीब रह गई है. निवेशकों की सबसे पसंदीदा क्रिप्‍टोकरेंसी बिटक्‍वाइन के भाव में बुधवार को एक दिन में 30 फीसदी कमी आई, जो मार्च 2020 के बाद 1 दिन में सबसे बड़ी गिरावट है. इसी तरह इथेरियम का भाव गिरकर 1850 डॉलर के करीब रह गया. यह भी जनवरी 2021 के बाद से सबसे निचला स्तर है. बुधवार को इसमें 35 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई. डॉगक्‍वाइन के भाव में हाई से 45 फीसदी की कमजोरी आई है. इसमें 19 मई 2021 को करीब 35 फीसदी की बड़ी गिरावट आई.

आइए विस्तार से जानते हैं crypto currency के बारे में।

दुसरे currencies जैसे की भारत में Rupees, USA में Dollar, Europe में Euro इत्यादि को सरकारें पुरे देश में लागु करते हैं और इस्तमाल में लाये जाते हैं ठीक वैसे ही इन currency को भी पुरे दुनिया में इस्तमाल में लाया जाता है. लेकिन यहाँ समझने वाली यह बात है की इन Cryptocurrencies के ऊपर Government का कोई भी हाथ नहीं होता है क्यूंकि ये Decentrallized Currency होती हैं इसलिए इनके ऊपर कोई भी agency या सरकार या कोई board का अधिकार नहीं होता, जिसके चलते इसके मूल्य को regulate नहीं किया जा सकता.

क्रिप्टोकरेंसी क्या है (Cryptocurrency in Hindi)

Cryptocurrency को digital currency भी कहा जाता है. यह एक तरह का Digital Asset होता है जिसका इस्तमाल चीज़ों की खरीदारी या Services के लिए किया जाता है. इन currencies में cryptography का इस्तमाल होता है. यह एक Peer to Peer Electronic System होता है जिसका इस्तमाल हम Internet के माध्यम से regular currencies के जगह में Goods और Services को purchase करने के लिए कर सकते हैं. इस व्यवस्था में सरकार ये Banks को बिना बताए भी काम हो सकता है इसलिए कुछ लोगों का मानना है की Cryptocurrency का इस्तमाल गलत तरीके से भी किया जा सकता है.

अगर हम सबसे पहले Cryptocurrency की करें तो वो होगा Bitcoin जिसे सबसे पहले दुनिया में इन्ही कार्यों के लिए लाया था. अगर आज हम देखें तो लगभग 1000 से भी ज्यादा Cryptocurrency पूरी दुनिया में मेह्जुद हैं लेकिन उनमें से कुछ ही ज्यादा महत्वपूर्ण है जिसके विषय में हम आगे चलकर जानेंगे. Cryptocurrency को बनाने के लिए Cryptography का इस्तमाल होता है.

अगर हम सभी cryptocurrency की बात करें तो उनमें से जो सबसे पहले प्रसिद्ध हुआ वो है Bitcoin. इसे सबसे पहले भी बनाया गया था और इसे सबसे ज्यादा भी इस्तमाल में लाया जाता है. Bitcoin को लेकर काफी controveries आयीं लेकिन आज में Bitcoin Cryptocurrencies में सबसे ऊपर स्तिथ है. यहाँ में आप लोगों को कुछ दुसरे Cryptocurrencies के बारे में बताने वाला हूँ जिनके बारे में शायद आपको पहले से पता हो.

क्रिप्टो करेंसी एक ऐसी मुद्रा है जो कंप्यूटर एल्गोरिथ्म पर बनी होती है। यह एक स्वतंत्र मुद्रा है जिसका कोई मालिक नहीं होता। यह करेंसी किसी भी एक अथॉरिटी के काबू में भी नहीं होती। अमूमन रुपया, डॉलर, यूरो या अन्य मुद्राओं की तरह ही इस मुद्रा का संचालन किसी राज्य, देश, संस्था या सरकार द्वारा नहीं किया जाता। यह एक डिजिटल करेंसी होती है जिसके लिए क्रिप्टोग्राफी का प्रयोग किया जाता है। आमतौर पर इसका प्रयोग किसी सामान की खरीदारी या कोई सर्विस खरीदने के लिए किया जा सकता है।

आपको पता होना चाहिए कि सर्वप्रथम क्रिप्टो करेंसी की शुरुआत 2009 में हुई थी जो “बिटकॉइन” थी। इसको जापान के सतोषी नाकमोतो नाम के एक इंजीनियर ने बनाया था। प्रारम्भ में यह उतनी प्रचलित नहीं थी, किन्तु धीरे-धीरे इसके रेट आसमान छूने लगे, जिससे यह सफल हो गई। देखा जाए तो 2009 से लेकर वर्तमान समय तक लगभग 1000 प्रकार की क्रिप्टो करेंसी बाजार में मौजूद हैं, जो पियर टू पियर इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम के रूप में कार्य करती है।

Also read – Battlegrounds Mobile India playstore se registration kaise karen?

Cryptocurrencies के प्रकार।

देखा जाये तो Cryptocurrencies बहुत सारे हैं लेकिन उनमें से कुछ ही ऐसे हैं जो की अच्छा perform कर रहे हैं और जिन्हें आप Bitcoin के अलावा भी इस्तमाल कर सकते हैं.

1. Bitcoin (BTC)

अगर हम Cryptocurrency की बात करें और Bitcoin की बात न हो तब तो ये बिलकुल भी मुमकिन नहीं है. क्यूंकि Bitcoin दुनिया से सबसे पहला Cryptocurrency है. जिसे Satoshi Nakamoto ने 2009 में बनाया था. ये एक digital currency है जिसे की केवल online ही goods और services खरीदने के लिए इस्तमाल किया जाता है. यह एक De-centrallized currency है जिसका मतलब है की इसपर Government या कोई भी institution का कोई भी हाथ नहीं है. अगर हम आज की बात करें तो इसका मूल्य अब काफी बढ़ गया है जो की अब लगभग 13 Lacks के करीब है एक coin का मूल्य. इससे आप इसके वर्तमान के महत्व के बारे में पता लगा सकते हैं.

2.Ethereum (ETH)

Bitcoin के जैसे ही Ethereum भी open-source, decentralized blockchain-based computing platform है. इसके Founder का नाम है Vitalik Buterin. इसके Cryptocurrency token को ‘Ether’ भी कहा जाता है. ये Platform इसके users को digital token बनाने में मदद करता है जिसकी मदद से इसे currency के तोर पर इस्तमाल किया जा सकता है. हाल ही में ही एक Hard Fork के होने से Ethereum दो हिस्सों में विभाजित हो गया है Etherem (ETH) और Etheriem Classic (ETC). Bitcoin के बाद ये दूसरा सबसे प्रसिद्ध Cryptocurrency है.

3. Litecoin (LTC)

Litecoin भी decentralized peer-to-peer cryptocurrency है जिसे की एक open source software जो की release हुआ है under the MIT/X11 license के अंतर्गत October, 2011 में Charles Lee के द्वारा जो की पहले एक Google Employee रह चुके हैं. इसके बनने के पीछे Bitcoin का बहुत बड़ा हाथ है और इसकी बहुत सारी features Bitcoin से मिलती झूलती हैं. Litecoin की block generation की time Bitcoin के मुकाबले 4 गुना कम है. इसलिए इसमें Transaction बहुत हो जल्दी पूर्ण हो जाती हैं. इसमें Scrypt algorithm का इस्तमाल होता है Mining करने के लिए.

4. Dogecoin (Doge)

Dogecoin की बनने की कहानी काफी रोचक है. इसे Bitcoin को मजाक करने के लिए कुत्ते से उसकी तुलना की गयी जो आगे चलकर एक Cryptocurrency का रूप ले लिया. इसके Founder का नाम है Billy Markus. Litecoin की तरह ही इसमें भी Scrypt Algorithm का इस्तमाल होता है.आज Dogecoin की Market Value है $197 million से भी ज्यादा और इसे पुरे विश्व में 200 merchants से भी ज्यादा में accept किया जाता है. इसमें भी Mining दूसरों के मुकाबले बहुत जल्दी होती है.

5. Faircoin (FAIR)

Faircoin एक बहुत ही बड़े grand socially-conscious vision का हिस्सा है जो की Spain-based co-operative organization है और जिसे Catalan Integral Cooperative, or CIC के नाम से भी जाता जाता है. ये Bitcoin की blockchain technology का इस्तमाल करता है, लेकिन ज्यादा socially-constructive design के साथ. दुसरे cryptocurrencies के जैसे Faircoin mining or minting new coins के ऊपर तो बिलकुल भी निर्भर नहीं करता है. लेकिन उसके जगह में ये certified validation nodes, or CDNs, का इस्तमाल करते हैं block generation के लिए. Faircoin में coins को verify करने के लिए proof-of-stake or proof-of-work के बदले में ‘proof-of-cooperation’ का इस्तमाल किया जाता है.

6. Dash (DASH)

इसके पहले के नाम थे XCoin और Darkcoin, Dash, का अर्थ है की ‘Digital’ और ‘Cash’. ये एक open source, peer-to-peer cryptocurrency है Bitcoin के जैसे ही. लेकिन इसमें Bitcoin की तुलना में ज्यादा features मेह्जुद है जैसे की ‘InstantSend’ और ‘PrivateSend’. InstantSend में Users आसानी से अपने transactions को पूर्ण कर सकते हैं वहीँ Privatesend में transaction पूरी तरह से safe होता है जहाँ की users की privacy को काफी importance दिया जाता है.

Dash में एक uncommon algorithm का इस्तमाल होता है जिसे की ‘X11’ जिसकी खासियत ये है की ये बहुत ही कम powerful hardware से भी Compatible हो जाता है, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग अपने currency को खुद ही mine कर सकें. X11 बहुत ही energy efficient algorithm है, जो की Scrypt की तुलना में 30% तक कम बिजली की खपत करता है.

7. Peercoin (PPC)

Peercoin जो की पूरी तरह से Bitcoin protocol पर based है और जिसमें की बहुत सी Source code दोनों में मिलती झूलती हैं. इसमें transaction को verify करने के लिए केवल Proof of work पर ही मिर्भर नहीं किया जाता बल्कि इसके साथ Proof of stake system को भी नज़र में रखा जाता है. जैसे की नाम से पता चलता है की Peercoin भी peer-to-peer cryptocurrency है Bitcoin के जैसे ही, जिसमें की source code को release किया गया है MIT/X11 software license के अंतर्गत.

Peercoin भी Bitcoin के जैस ही SHA-256 algorithm का इस्तमाल करता है. और इसमें transaction और mining करने के लिए बहुत ही कम पॉवर की जरुरत पड़ती है.

8. Ripple (XRP)

Ripple 2012 में release हुआ और ये distributed open source protocol के ऊपर based है, Ripple एक real-time gross settlement system (RTGS) है जो की अपनी खुद की Cryptocurrency चलता है जिसे की Ripples (XRP) भी कहा जाता है. ये बहुत ही ज्यादा और famous Cryptocurrency है और जिसकी overall market cap है लगभग $10 billion. इनके Officials के अनुसार Ripple users को “secure, instant and nearly free global financial transactions किसी भी size के करने के लिए प्रदान करती है और जिसमें कोई भी chargebacks नहीं होती है.

9. Monero (XMR)

ये असल में Bytecoin के fork से पैदा हुआ है सन 2014 में और उसके बाद से ही ये प्रसिधी लाभ की है. ये cryptocurrency सभी systems जैसे की Windows, Mac, Linux, Android, and FreeBSD में काम करती है. Bitcoin के जैसे ही Monero भी privacy और decentralization पर focus करती है. Bitcoin और Monero में जो सबसे महत्वपूर्ण अंतर है वो ये की Bitcoin में high-end GPUs का इस्तमाल होता है वहीँ Monero में consumer-level CPUs का इस्तमाल होता है.

CryptoCurrency के फायदे।

Cryptocurrency में fraud होने के chances बहुत ही कम हैं.Cryptocurrency की अगर बात की जाये तो ये normal digital payment से ज्यादा secure होते हैं.इसमें transaction fees भी बहुत है कम है अगर हम दुसरे payment options की बात करें तब.इसमें account बहुत ही secure होते हैं क्यूंकि इसमें अलग अलग प्रकार के Cryptography Algorithm का इस्तमाल किया जाता है.

फिर भी, आमतौर पर हम कह सकते हैं कि क्रिप्टो करेंसी के लाभ अधिक हैं और घाटा कम। पहला, क्रिप्टो करेंसी एक डिजिटल करेंसी है जिसमें धोखाधड़ी की उम्मीद बहुत कम होती है। दूसरा, अधिक पैसा होने पर क्रिप्टो करेंसी में निवेश करना फायदेमंद है क्योंकि इसकी कीमतों में बहुत तेजी से उछाल आता है। लिहाजा, निवेश के लिए यह एक अच्छा प्लेटफॉर्म है। तीसरा, अधिकतर क्रिप्टो करेंसी के वॉलेट उपलब्ध हैं जिसके चलते ऑनलाइन खरीदारी, पैसे का लेन-देन सरल हो चुका है। चौथा, क्रिप्टो करेंसी को कोई अथॉरिटी कंट्रोल नहीं करती जिसके चलते नोटबंदी और करेंसी का मूल्य घटने जैसा खतरा किसी के सामने नहीं आता।

पांचवां, कई देश ऐसे हैं जहां कैपिटल कंट्रोल नहीं है। मतलब कि यह बात तय ही नहीं है कि देश से बाहर कितना पैसा भेजा जा सकता है और कितना मंगवाया जा सकता है। लिहाजा, क्रिप्टो करेंसी खरीद कर उसे देश के बाहर आसानी से भेजी जा सकती है और फिर उसे पैसे में रूपांतरित किया जा सकता है। छठा, क्रिप्टो करेंसी का सबसे बड़ा फायदा उन लोगों को होता है जो अपना धन छुपाकर रखना चाहते हैं। इसलिए क्रिप्टो करेंसी पैसे छुपाकर रखने का सबसे अच्छा प्लेटफॉर्म बनकर उभरा है। सातवां, क्रिप्टो करेंसी पूरी तरह से सुरक्षित है। बस आपको उसके लिए ऑथेंटिकेशन रखने की आवश्यकता होती है, क्योंकि ऐसी करेंसी ब्लॉकचेन पर आधारित है। लिहाजा, किसी भी प्रकार का ट्रांजैक्शन करने के लिए पूरे ब्लॉकचेन को माइन करना पड़ता है।

Also read – The family man season 2 trailer review.

Cryptocurrency के नुकसान।

Cryptocurrency में एक बार transaction पूर्ण हो जाने पर उसे reverse कर पाना असंभव होता है क्यूंकि इसमें वैसे कोई options ही नहीं होती है.
अगर आपका Wallet के ID खो जाती है तब वो हमेशा के लिए खो जाती है क्यूंकि इसे दुबारा प्राप्त करना संभव नहीं है. ऐसे में आपके जो भी पैसे आपके wallet में स्तिथ होते हैं वो सदा के लिए खो जाते हैं.

पहला, क्रिप्टो करेंसी का सबसे बड़ा नुकसान तो यही है कि इसका कोई भौतिक अस्तित्व नहीं है, क्योंकि इसका मुद्रण नहीं किया जा सकता। मतलब कि ना तो इस करेंसी के नोट छापे जा सकते हैं और न ही कोई बैंक अकाउंट या पासबुक जारी की जा सकती है। दूसरा, इसको कंट्रोल करने के लिए कोई देश, सरकार या संस्था नहीं है जिससे इसकी कीमत में कभी बहुत अधिक उछाल देखने को मिलता है तो कभी बहुत ज्यादा  गिरावट, जिसकी वजह से क्रिप्टो करेंसी में निवेश करना जोखिम भरा सौदा है। तीसरा, इसका उपयोग गलत कामों के लिए जैसे हथियार की खरीद-फरोख्त, ड्रग्स सप्लाई, कालाबाजारी आदि में आसानी से किया जा सकता है, क्योंकि इसका इस्तेमाल दो लोगों के बीच ही किया जाता है। लिहाजा, यह काफी खतरनाक भी हो सकता है। चौथा, इसको हैक करने का भी खतरा बना रहता है। यह बात दीगर है कि ब्लॉकचेन को हैक करना उतना आसान नहीं है क्योंकि इसमें सुरक्षा के पूरे इंतजाम होते हैं। बावजूद इसके, इस करेंसी का कोई मालिक न होने के कारण हैकिंग होने से मना भी नहीं किया जा सकता है। पांचवां, इसका एक और नुकसान यह है कि यदि कोई ट्रांजैक्शन आपसे गलती से हो गया तो आप उसे वापस नहीं मंगा सकते हैं जिससे आपको घाटा होता है।

 क्रिप्टो करेंसी का उपयोग कानूनन वैध है या अवैध?

बहुत से लोगों के मन में यह सवाल आता है कि क्रिप्टो करेंसी का उपयोग करना कानूनी रूप से सही है अथवा नहीं! दरअसल, यह फैसला आपकी इस बात पर निर्भर करता है कि आप किस देश में रहकर इसका उपयोग कर रहे हैं, क्योंकि कुछ देशों में अभी भी क्रिप्टो करेंसी को कानूनी मान्यता नहीं मिली है जिसमें भारत भी एक है। यही नहीं, कुछ देशों ने इसे ‘ग्रे जोन’ में रखा है। कहने का तातपर्य यह कि वहां ना तो इसे औपचारिक तौर पर बैन किया गया है और ना ही इसके प्रयोग की मान्यता दी गई है। निर्विवाद रूप से क्रिप्टो करेंसी में अच्छी ग्रोथ के चलते भारतीय नागरिकों का रुझान भी इसकी तरफ देखने को मिल रहा है। इसलिए उम्मीद की जाती है कि भारत सरकार भी भविष्य में कोई सकारात्मक पहल करेगी।

क्रिप्टो करेंसी की ग्रोथ कैसी है?

यदि हम क्रिप्टो करेंसी की ग्रोथ के बारे में बात करें तो इसमें इन्वेस्टमेंट करना काफी फायदे का सौदा होता है। आज मार्केट में लगभग 1000 प्रकार की क्रिप्टो करेंसी मौजूद है और इन सभी कॉइन्स की कीमत लॉन्चिंग के समय ना के बराबर थी। हालांकि कुछ ही सालों में इनकी कीमत 1000 डॉलर तक भी पहुंच गई है। अब आप बिटकॉइन को ही ले लीजिए। जब बिटकॉइन लांच हुआ था तब दुनिया भर में रोजाना 1 करोड़ डॉलर की ट्रांजैक्शन होती थी लेकिन आज के समय में बिटकॉइन की 1 हफ्ते में 1 ट्रिलियन डॉलर की ट्रांजैक्शन की जा रही है जबकि पूरी दुनिया में फिजिकल करेंसी की हफ्ते भर की ट्रांजैक्शन लगभग 70 ट्रिलियन डॉलर की हो जाती है। 1 डॉलर की कीमत से शुरू हुआ बिटकॉइन आज 1200 डॉलर की कीमत तक पहुंच चुका है। अतः आप खुद ही अनुमान लगा सकते हैं कि क्रिप्टो करेंसी की भविष्य में क्या ग्रोथ हो सकती है।
हालांकि चीन के क्रिप्टो करेंसी पर रोंक फैसले के बाद मुद्रा में भरी गिरावट आती है परन्तु मार्केट में एसा कई बार होता है। भविष्य में डिजिटल मार्केट और भी फैलेगा और क्रिप्टो करंसी में भी भरी उछल देखने को मिलेगा।

Also read – Friends the reunion trailer review in hindi.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *