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क्या है सुपर साइक्लोन याश (Yaas)। किन क्षेत्रों में होगा प्रभावी। जानें तूफान से जुड़ी हर खबर।

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पश्चिम में अरब सागर के टौकते चक्रवात के बाद अब पूर्वी तट पर एक दूसरे चक्रवात का बड़ा खतरा पूर्वी क्षेत्र के राज्यों पर मंडरा रहा है। मौसम विज्ञानियों के अनुसार चक्रवात यास 26-27 मई को बंगाल की खाड़ी से टकराएगा।

पटना स्थित मौसम विज्ञान के अधिकारियों का कहना है कि स्वाभाविक रूप से इसका असर बिहार के दक्षिण-पूर्वी हिस्से पर पड़ेगा। ओडिशा के करीब होने का असर दिखेगा। वैसे अभी इसकी भयावहता का आकलन किया जा रहा है। एक-दो दिनों में यह साफ हो सकेगा कि इसका किस पैमाने पर बिहार में असर दिखेगा।

इधर, टॉक्‍टे के साइड इफेक्‍ट के तौर पर यूपी और बिहार में उठे चक्रवात से बारिश का सिलसिला अभी जारी है। पटना के मौसम विज्ञान केंद्र ने दरभंगा, वैशाली, पटना, समस्‍तीपुर, अरवल और जहानाबाद में बारिश का पूर्वानुमान जारी किया है।

क्या है yaas तूफान?

कोलकाता में क्षेत्रीय मौसम विभाग ने भविष्यवाणी की है कि एक “सुपर साइक्लोन” (Super Cyclone) के 23 मई से 25 मई के बीच सुंदरबन क्षेत्रों में दस्तक देने और संभवतः बांग्लादेश की ओर बढ़ने की संभावना है।

मौसम विभाग ने चेतावनी दी कि ओमान द्वारा इस चक्रवाती तूफान को “यश” (Yaas) नाम दिया गया है, जिसकी तीव्रता अम्फान (Amphan) के बराबर हो सकती है, जिसने पिछले साल 19 मई को लॉकडाउन के दौरान कोलकाता और आसपास के इलाकों को तबाह कर दिया था।

हालांकि, कोलकाता मौसम विभाग हवा की दिशा और गति के बारे में निश्चित नहीं है, लेकिन उन्होंने कहा कि पूर्वी मध्य खाड़ी और उसके आसपास के क्षेत्रों में एक कम दबाव बना हुआ है और जैसे-जैसे हर दिन इसकी ताकत बढ़ रही है, हफ्ते के अंत तक लैंडफॉल बनाने से पहले ये एक सुपर साइक्लोन में बदल सकता है।

IMD ने कहा कि 23 मई, 2021 के आसपास पूर्व मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है। हालांकि, अधिकारियों की राय है कि सुंदरबन के रास्ते जमीन पर प्रवेश करने के बाद तूफान बांग्लादेश की ओर बढ़ सकता है।

ये पिछले एक महीने में भारत में दूसरा चक्रवात होगा। फिलहाल चक्रवात ताउते का प्रकोप गुजरात, महाराष्ट्र, दीव झेल चुके हैं और अब ये तूफान हल्का पड़ते हुए राजस्थान की तरफ बढ़ रहा है, जो अरब सागर के ऊपर बना था। चक्रवात के कारण मुंबई, कोंकण, गुजरात के कुछ हिस्सों, कर्नाटक और केरल में भी मूसलाधार बारिश हुई।

कब से शुरू होगा याश का निर्माण।

इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार उत्तर अंडमान सागर और बंगाल की पूर्वी मध्य खाड़ी में दो दिन बाद यानी 22 मई को कम दबाव का क्षेत्र बनना शुरू होगा। ऐसा आकलन है कि इसके 72 घंटे बाद कम दबाव के क्षेत्र में यह चक्रवात बन जाएगा। मौसम विज्ञान केंद्र के अधिकारी के अनुसार यास का असर यह होगा कि बिहार के दक्षिण-पूर्वी हिस्से में तेज हवा चलेगी। बारिश भी होगी। हवा की तीव्रता कम से कम प्रति घंटे सत्तर किमी की होगी। वैसे पुख्ता तौर पर इसकी भयावहता की पूरी जानकारी उपलब्ध करने में अभी दो दिन और लगेंगे। उसके बाद बिहार के लिए चेतावनी जारी की जाएगी।

बिहार में बना चक्रवात, अधिकांश जिलों में तेज बारिश।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश से लेकर बिहार एवं मध्य प्रदेश में बने चक्रवात के कारण गुरुवार को राज्य के अधिकांश हिस्सों में घंटों तेज बारिश हुई। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि अरब सागर में आये तूफान के बाहरी भाग में बने दबाव के कारण उत्तर प्रदेश, बिहार एवं मध्य प्रदेश में चक्रवात का प्रभाव है। इस तरह की स्थिति अगले दो दिन तक बनी रहने की उम्मीद है। उसके बाद मौसम साफ हो जाएगा।

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मई में सामान्‍य से अधिक बारिश।

राज्य में मई में सामान्य से 101 फीसद अधिक बारिश रिकॉर्ड की गई है। सामान्यत: प्रदेश में 1 से 19 मई तक प्री मानसून के दौरान 29 मिलीमीटर बारिश होती है। लेकिन इस वर्ष इस दौरान 59 मिलीमीटर बारिश रिकार्ड की गई है। वहीं अप्रैल में सामान्य से कम बारिश हुई थी।

अंडमान सागर में मानसून की दस्तक।

दक्षिण-पश्चिम मानसून ने शनिवार को अंडमान सागर में दस्तक दे दी है। यह बंगाल की खाड़ी के पूर्व-मध्य में है। धीरे- धीरे इसके दक्षिण-पश्चिम की ओर बढ़ने की उम्मीद है। सामान्यत: मानसून एक जून को केरल में दस्तक देता है लेकिन इस वर्ष एक-दो दिन पहले पहुंच सकता है। मध्य जून तक मानसून के बिहार में दस्तक देने की उम्मीद है। इस वर्ष मानसून के दौरान अच्छी बारिश होने के आसार हैं।

मौसम विज्ञान केंद्र ने जारी किया येलो अलर्ट।

उत्तरी एवं पूर्वी बिहार में ज्यादा बारिश की संभावना।

शनिवार को पछुआ बहने के कारण राज्य में तापमान में काफी उछाल आया है। राजधानी के पारे में तीन डिग्री सेल्सियस की वृद्धि दर्ज की गई। शनिवार को अधिकतम तापमान 35.6 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जबकि शुक्रवार को राजधानी में अधिकतम तापमान 32.6 डिग्री सेल्सियस रहा था। भागलपुर राज्य का सर्वाधिक गर्म स्थान रहा। अधिकतम तापमान 36.6 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। 

यास कितना ताकतवर?

सोमवार (24 मई) की शाम को ओड़िशा-बंगाल-बांग्लादेश के तटवर्ती इलाकों में 40-50 किलोमीटर से 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलेंगी, जो 25 मई की शाम से 70 किलोमीटर तक पहुंच जायेगी.26 मई को हवा की रफ्तार 80 किलोमीटर तक हो जायेगी. 26 मई को दोपहर से पहले 90-100 किलोमीटर और अधिकतम 110 किलोमीटर की रफ्तार से हवाएं चलेंगी.

यश चक्रवात 26 मई को पश्चिम बंगाल के समुद्र तट पर दस्तक दे सकता है. इसके साथ ही 150 से 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने की आशंका है, जिससे भारी जानमाल का नुकसान हो सकता है. इसलिए सतर्क राज्य प्रशासन ने पहले से ही सभी जिलाधिकारियों को चिट्ठी लिखी है और आपदा प्रबंधन कर्मियों की संख्या बढ़ाकर दोगुनी से अधिक कर दी गयी है.

याष का मध्य भारत पर असर।

यश तूफ़ान का असर मध्य भारत पर हो सकता है लेकिन इसके अधिक होने की आशंका नहीं है।
कहीं कहिं केवल सामान्य बारिश होने के आसार हैं।
मॉनसून भी समय से ही इन राज्यो में दस्तक देगा।

उ.प्र. में समय से पहले मानसून के आगमन की सम्भावना से इनकार करते हुए उन्होंने कहा कि यूपी में 20 जून के आसपास मानसून आने की सामान्य तारीख है और फिलहाल इसके प्रदेश में समय से पहले सक्रिय होने के आसार नहीं हैं। पिछले चौबीस घण्टों में प्रदेश के विभिन्न अंचलों में गरज-चमक के साथ कहीं बारिश हुई तो कहीं बौछारें पड़ीं।

प्रशासन कितना सक्रिय?

इसी के मद्देनजर विभाग पहले ही मछुआरों को 23 मई को समुद्र में न जाने की चेतावनी जारी कर चुका है। विभाग के अधिकारियों ने बताया कि डिप्रेशन बनने से कोलकाता, दक्षिण और उत्तर 24 परगना समेत गंगीय पश्चिम बंगाल के इलाकों में तापमान बढ़ रहा है और इसके और बढ़ने की संभावना है।

मौसम विभाग ने कहा, “पिछले 24 घंटों में तापमान में पांच डिग्री की बढ़ोतरी हुई है और अगले कुछ दिनों में इसके 40 डिग्री तक पहुंचने की संभावना है। उमस भी ज्यादा है, जिससे लोगों को परेशानी हो रही है। ये सब डिप्रेशन के परिणाम हैं।”

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