राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ पहाड़िया का बुधवार की देर रात निधन हो गया. राज्य सरकार ने उनके निधन पर एक दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है. पूर्व मुख्यमंत्री कोरोना संक्रमित थे.
प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पहाड़िया के निधन पर शोक जताया है. गहलोत ने ट्वीट किया,’ राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ पहाड़िया के निधन की खबर बेहद दुखद है. पहाड़िया ने मुख्यमंत्री, राज्यपाल और केंद्रीय मंत्री के रूप में लम्बे समय तक देश की सेवा की, वे देश के वरिष्ठ नेताओं में से थे.’
आइए जानते हैं जगन्नाथ पहाड़िया के जीवन से जुड़े कुछ तथ्य।
पहाड़िया राजस्थान के एकमात्र दलित मुख्य मंत्री थे।वह महज 13 महीने मुख्य मंत्री रहे पर अपने कड़े नियमो के लिए जाने जाते थे।जगन्नाथ पहाड़िया एक भारतीय राजनीतिज्ञ तथा पूर्व राजस्थान के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। वे पूर्व हरियाणा के राज्यपाल है।
अपने 13 महीने की सरकार में उन्होंने सम्पूर्ण सराब बंदी कर दी थी।जगन्नाथ पहाड़िया संजय गांधी के बड़े करीबी थे और उनका राजनीति में आने का भी रोचक किस्सा है।
कहा जाता है कि जब उनकी मुलक़ात तत्कालीन प्रधान मंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू से हुई थी। तब पंडित नेहरू ने उनसे पूछा था कि देश कैसा चल रहा है । पहाड़िया ने इसका बेबाकी से जवाब देते हुए कहा था कि बाकी चीजें तो ठीक चल रही हैं पर देश में दलितों को उचित प्रतिनिधित्व नहीं मिल रहा है।
इस बात का पंडित नेहरू पर इतना प्रभाव पड़ा कि उन्होंने पहाड़िया को लोक सभा चुनाव का टिकट दिया और अगले ही लोक सभा चुनाव में जग्गन्नथ पहाड़िया की राजनीति में एंट्री हो गई।
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पहाड़िया का राजनीतिक जीवन।
साल 1957 में पहाड़िया सवाई माधोपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़कर लोक सभा पहुंचे और दूसरी लोक सभा में वे सबसे कम उम्र के सांसद थे।
हरियाणा के राज्यपाल।
कार्यकाल
2009-2014
पूर्व अधिकारी -अख्लाक उर रहमान किदवई
उत्तराधिकारी-कप्तान सिँह सोलंकी
बिहार के राज्यपाल।
कार्यकाल
3 मार्च 1989 – 2 फरवरी 1990
राजस्थान के मुख्यमंत्री।
कार्यकाल
1980-1981
पूर्व अधिकारी -राष्ट्रपति शासन
उत्तराधिकारी-शिव चंद्र माथुर
जन्म -15 जनवरी 1932
भूसावर, भरतपुर, राजस्थान
मृत्यु -19 मई 2021 (उम्र 89)
मेदांता अस्पताल, गुरुग्राम, हरियाणा
राजनैतिक पार्टी -भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
जीवन संगी -शांति पहाड़िया
एसे गई थी मुख्य मंत्री की कुर्सी।
कई दिगज्ज नेताओं को पीछे छोड़ जगन्नाथ पहाड़िया मुख्य मंत्री बने थे परन्तु उनका कार्यकाल केवल 13 महीने चला।माना जाता है कि जयपुर की एक संभा में उन्होंने कवयित्री महादेवी वर्मा प्र टिप्पणी कर दी थी जिसके चलते उन्हें अपनी कुर्सी गवानी पड़ी।
क्या थी उनकी महादेवी वर्मा पर टिप्पणी।
पहाड़िया ने जयपुर की सभा में महादेवी वरना को लेकर कहा था कि उनकी कविता सर के ऊपर से निकाल जाती है। साहित्य एसा लिखा जाना चाहिए कि आम जनता की समझ में आए ।महादेवी वर्मा ने उसकी सिकायत तत्कालीन प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी से की।जिसके बाद पहाड़िया को अपनी कुर्सी छोड़ने पड़ी।इसके बाद से वे कभी राजनीति कि मुख्य धारा में नहीं आ पाए ।हालांकि उन्हें बाद में बिहार और हरियाणा का राज्यपाल बनाया गया।
संजय गांधी से थी नजदीकियां।
जगन्नाथ पहाड़िया संजय गांधी के बेहद करीबी माने जाते थे।संजय गांधी से नजदीकियों के चलते उन्हें कई राजनीतिक फायदे हुए।उनके मुख्य मंत्री बनाएं जाने की पीछे भी संजय गांधी का हाथ था।
दिल्ली के राजस्थान हाउस में हुई विधायक दल की बैठक में उन्हें मुख्य मंत्री चुना गया जिस्म संजय गांधी मोजूद थे।
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