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K Annamalai IPS biography in Hindi.के अन्नामलाई आईपीएस की जीवनी।

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के अन्नामलाई को हाल ही में एल मुरुगन को जगह तमिल नाडु का बीजेपी प्रेसिडेंट बनाया गया है।

कर्नाटक के पूर्व आईपीएस ऑफिसर अन्नामलाई कुप्पुस्वामी, जिन्हें कर्नाटक पुलिस में ‘सिंघम’ के तौर पर भी जाना जाता है, उन्होंने कमल का दामन थाम लिया। ए. कुप्पुस्वामी ने मंगलवार को दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय में बीजेपी ज्वाइन किया।

उनकी बीजेपी में ज्वाइनिंग के समय बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव पी. मुरलीधर राव और तमिलनाडु बीजेपी अध्यक्ष एल. मुरुगन मौजूद थे। एल. मुरुगन ने संवाददाताओं से कहा, “तमिलनाडु में भी विभिन्न क्षेत्र और अलग वर्गों से बीजेपी लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रही है। अन्नामलाई कुप्पुस्वामी ने पार्टी को ज्वाइन किया है। वह तमिलनाडु की बीजेपी में हमारे लिए मददगार साबित होंगे।”

पूर्व आईपीएस ऑफिसर ने संवाददाताओं से बात करते हुए कहा, “मैं पार्टी को धन्यवाद देना चाहता हूं जिन्होंने संगठन से जुड़ने का अवसर दिया। यह मेरे लिए सम्मान और विशेष अधिकार है। मैं पार्टी में एक वफादार सिपाही बनकर आया हूं।”

IPS अन्नामलाई. कर्नाटक ‘सिंघम’ के नाम से मशहूर पुलिस का यह पूर्व अफसर UPSC परीक्षा की तैयारी करने वालों लाखों युवाओं का रोल मॉडल है. अन्नामलाई के काम करने के तरीके को इसी से समझा जा सकता है कि उनका इस्तीफा भी मीडिया की सुर्खियों में रहा. सब उनके इस फैसले से हैरान हुए थे.

कर्नाटक के सीएम एचडी कुमारस्वामी से लेकर हर एक आला अधिकारी ने उनसे एक बार फिर से सोचने को कहा. मगर अन्नामलाई नहीं माने. यह कहते हुए वह अपने फैसले पर अडिग रहे थे कि उन्हें अपनी बाकी की जिंदगी अपने बेटे के संग बितानी है. उन्हें घर लौटकर खेती करनी है, और देखना है कि क्‍या उनकी भेड़ अब भी उनकी बात मानती हैं या नहीं

कौन हैं के. अन्नामलाई (K. Annamalai) और क्या है इनकी कहानी?

के. अन्नामलाई मूलत: तमिलनाडु के करूर ज़िले के रहने वाले हैं. 4 जून 1984 को उन्होंने एक किसान परिवार में जन्म लिया. घर की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं थी. बावजूद इसके पिता ने उनकी पढ़ाई लिखाई का विशेष ध्यान रखा. करूर और नामक्कल में स्कूली शिक्षा प्राप्त करने के बाद अन्नामलाई कोयम्बटूर के पीएसजी कॉलेज ऑफ़ टेक्नोलॉजी पहुंचे, जहां से उन्होंने बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग की डिग्री ली.

वो यही नहीं रुके, इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमैंट, लखनऊ से उन्होंने मास्टर ऑफ़ बिज़नेस एडमिनिस्ट्रेशन में उच्च शिक्षा प्राप्त की.

2011-बैच के कर्नाटक-कैडर अफसर हैं अन्नामलाई

के. अन्नामलाई (K. Annamalai) बड़ी कॉरपोरेट नौकरियां कर सकते थे, मगर उन्होंने सिविल सेवा को चुना. कठिन परिश्रम के बाद अंतत: वो सफल रहे और 2011-बैच के कर्नाटक-कैडर अधिकारी बनकर अपने घर लौटे. कहते हैं अपनी नौकरी के पहले दिन से अन्नामलाई एक अलग तरह के अफस़र की तरह लोगों के बीच देखे गए.

उन्होंने अपने पुलिस करियर की शुरुआत सितंबर 2013 में कर्नाटक के उडुपी ज़िले के करकला में सहायक पुलिस अधीक्षक के तौर पर की थी. अपने काम करने के तरीके से अन्नामलाई पहली पोस्टिंग में ही सीनियर्स की नज़र में आ गए थे. अपनी ईमानदारी और बहादुरी का ईनाम उन्हें जल्द ही मिला.

उडुपी, चिकमंगलुरू से ट्रांसफ़र होने पर रोए थे लोग   

जनवरी, 2015 को अन्नामलाई पुलिस अधीक्षक के रूप में पदोन्नत किए गए. ख़ास बात यह थी कि उनकी तैनाती उड़पी जिले में ही रही. अगस्त, 2016 तक उन्होंने वहां एसपी के रूप में लोगों की सेवा की. आगे वो कर्नाटक के चिक्कमगलुरु पहुंचे, जहां अक्टूबर 2018 तक उन्होंने नौकरी की. यहां तक के सफर में अन्नामलाई लोगों का दिल जीतने में कामयाब रहे.

उनकी लोकप्रियता को इसी से समझा जा सकता है कि जब उडुपी और चिकमंगलुरू से उनका ट्रांसफर किया गया था, तो लोग सड़कों पर आ गए थे. लोगों ने रोकर उन्हें रोकने का प्रयास किया था. 2018 में एक बार फिर से अन्नामलाई को प्रमोशन मिला.

मान-सम्मान, पुरस्कार और प्रमोशन सब मिलता रहा   

अब वो बेंगलुरु दक्षिण में पुलिस उपायुक्त बनाए गए. किसी भी अफ़सर के लिए इससे बढ़िया करियर क्या हो सकता है. एक तरफ लगातार लोगों के बीच उनकी लोकप्रियता बढ़ रही थी. दूसरी तरफ प्रशासन भी खुश होकर उन्हें प्रमोशन दे रहा था. समय-समय पर अलग-अलग मंचों से अन्नामलाई को पुरस्कार और सम्मान भी मिले. कुल मिलाकर उनके पास शायद भौतिक सुख की हर एक चीज़ थी.

ऐसे में 28 मई, 2019 को अचानक से उनका इस्तीफ़ा किसी के गले से नहीं उतरा. कयास लगाए गए कि वो राजनीति में सक्रिय हो सकते है. मगर अन्नामलाई के दिल में कुछ और था. ऐसा कुछ, जिसे उन्होंने करीब 9 साल की सेवा के दौरान हर पल महसूस किया.

अन्नामलाई का इस्तीफ़ा (IPS Annamalai Resignation), जो मीडिया की सुर्खियों में रहा

28 मई को जैसे ही अन्नामलाई के रेज़िगनेशन (त्यागपत्र) की ख़बर बाहर आई, अन्नामलाई सुर्खियों में आ गए. लोग जानना चाहते थे कि आखिर एक ईमानदार पुलिस अफ]सर क्यों नौकरी छोड़ रहा है. क्या उस पर राजनेताओं का दबाव है? या फिर कुछ और…अगर कुछ और? इन्हीं सवालों के बीच अन्नामलाई का एक नोट सामने आया, जिसमें उन्होंने बताया कि वो पुलिस की इतनी बड़ी नौकरी क्यों छोड़ना चाहते हैं.

अन्नामलाई ने लिखा, पुलिस अधिकारी की नौकरी में कई चुनौतियां शामिल हैं और उन्होंने हर चुनौती का पूरा आनंद लिया. अब वो उन छोटी चीजों का आनंद लेना चाहते हैं, जिन्हें उन्होंने मिस कर दिया. वो एक अच्छा पिता बनना चाहते हैं, जिसके लिए उन्हें अपने बेटे के साथ वक्त बिताना होगा. वो अपने घर लौटकर खेती करना चाहते हैं, ताकि देख सकें कि उनकी भेड़े अब भी उनकी बात सुनती हैं या नहीं.

IPS की नौकरी के बाद अब क्या कर रहे हैं अन्नामलाई?

जैसा कि अन्नामलाई ने लिखा था कि वो अपने बेटे के साथ वक्त बिताना चाहते है. लिहाज़, वो अपने परिवार के साथ ही वक्त बिता रहे हैं. इसके अलावा वो सामाजिक कार्यों में सक्रिय हैं. वो शिक्षित और बेरोज़गार युवाओं की मदद करने में जुटे हुए हैं.

इसके लिए उन्होंने वी लीडर्स फाउंडेशन नामक एक गैर-सरकारी संगठन भी बनाया है, जिसके ज़रिए वो युवाओं को नौकरी मांगने से लेकर जॉब क्रिएशन तक के गुर सिखाते हैं. इसके अलावा वो लोगों को जैविक खेती, समाजिक विकास आदि के लिए भी शिक्षित करते हैं ताकि एक बेहतर समाज बन सके.

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