Pulitzer Prize क्या है ? 2021 में किन भारतीयों को इस पुरस्कार से नवाजा गया?
क्या है Pulitzer पुरस्कार?
मूल रूप से हंगरी के रहने वाले समाचार पत्र प्रकाशक जोसेफ पुलित्जर के नाम पर ये पुरस्कार दिया जाता है. जोसेफ ने अपनी वसीयत में कोलंबिया विश्वविद्यालय को पत्रकारिता स्कूल शुरू करने और पुरस्कार स्थापित करने के लिए पैसे दिए थे. इस पुरस्कार और छात्रवृत्ति के लिए उन्होंने 250,000 डॉलर आवंटित किए थे.
जोसेफ के नाम पर पत्रकारिता में चार पुरस्कार के अलावा पत्र और नाटक में चार, शिक्षा में एक, ट्रैवलिंग स्कॉलरशिप में चार पुरस्कार दिए जाते हैं. उनकी मृत्यु 29 अक्टूबर 1911 के बाद पहली बार पुलित्जर पुरस्कार 4 जून 1917 में दिया गया. आज भी पुलित्जर पुरस्कार (Pulitzer Prize), संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा दिया जाने वाला एक प्रमुख पुरस्कार है.
Pulitzer पुरस्कार की शुरुआत कहां से हुई?
इस पुरस्कार की शुरुआत करने के लिए अमेरिकी जोसेफ पुलित्जर ने अपनी वसीयत में न्यूयॉर्क के कोलंबिया विश्वविद्यालय को एक बड़ी रकम प्राप्त कराई थी और पुरस्कार के साथ – साथ पत्रकारिता स्कूल शुरू करने के लिए कहा था, पुलित्जर ने अमेरिका पहुंचकर खबर प्रकाशक के रूप में अपनी पहचान बनाई थी और इस पुरस्कार को प्रदान करने के लिए और छात्रवृत्ति के लिए 2,50,000 डॉलर दिए थे | इसके बाद से ही इस पुरस्कार की शुरुआत कर दी गई थी और पहला पुलित्जर पुरस्कार 4 जून, 1917 को प्रदान भी किया गया था।
इसके बाद 1918 में पुलित्जर पदक का डिजाइन मूर्तिकार डैनियल चेस्टर फ्रेंच और उनके सहयोगी हेनरी ऑगस्टस ल्यूकमैन करने का जिम्मा ले लिया था और फिर उनके द्वारा यह पुरस्कार तैयार किया गया था | अब यह पुरस्कार प्रत्येक वर्ष संयुक्त राज्य अमेरिका में समाचार पत्र, पत्रिका और ऑनलाइन पत्रकारिता, साहित्य और संगीत रचना में उपलब्धियों के लिए प्रदान किया जाता है। इस पुरूस्कार से कुल 21 श्रेणियों को सम्मानित किया जाता हैं। इस पुरस्कार प्राप्त करने वाले विजेता को पुरस्कार के साथ-साथ एक प्रमाण-पत्र व 10,000 डॉलर की नकद राशि भी प्रदान की जाती है |
पुलित्जर पुरस्कार किसे दिया जाता है ।
यह पुरस्कार प्रत्येक वर्ष आत्मकथा, कविता, फिक्शन, नाटक, इतिहास, जनसेवा एवं पत्रकारिता की अन्य विभिन्न श्रेणियों के विजताओं को प्रदान किया जाता है| इस पुरस्कार को प्रदान करने की एक ख़ास वजह यह भी है, कि पुरस्कार देने से विजेताओं का मनोबल बढ़ता है, जिससे उनका हौसला भी मजबूत होता चला जाता है | इसलिए इस तरह के सभी विजेताओं को पुरस्कार प्रदान करके उन्हें सम्मानित किया जाता है |
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भारतीयों में सबसे पहले यह पुरस्कार किसे मिला?
सबसे पहले भारतीय के तौर पर पुरस्कार पाने वालों में गोबिंद बिहारी लाल का नाम आता है. वो भारतीय-अमेरिकी पत्रकार और इंडिपिंडेंट एक्टिविस्ट थे. उन्होंने लाला हर दयाल के रिश्तेदार और करीबी सहयोगी के तौर पर गदर पार्टी में शामिल होकर भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में भाग भी लिया था. गोबिंद बिहारी लाल को साल 1937 में पुलित्जर से नवाजा गया था.
विज्ञान लेखक के तौर पर उन्होंने हार्वर्ड विश्वविद्यालय के क्षेत्र में विज्ञान के कवरेज के लिए चार अन्य लोगों के साथ पुलित्जर पुरस्कार साझा किया था.
Pulitzer पुरस्कार पाने वाले भारतीय।
साल 2000 में भारतीय अमेरिकी लेखिका झुंपा लाहिड़ी ने कथा संग्रह “इंटरप्रिटर्स ऑफ मैलाडीस” के लिए पुलित्जर जीता. उन्हें “distinguished fiction by an American author, preferably dealing with American life” के लिए 5,000 डॉलर्स से सम्मानित किया गया था. बता दें कि लाहिड़ी का जन्म 1967 में लंदन में हुआ था और उनकी परवरिश रोड आइलैंड में हुई थी. उनके माता-पिता भारत में पैदा हुए और पले-बढ़े थे.
फिर साल 2003 में भारतीय मूल की पत्रकार-लेखिका गीता आनंद को पुलित्ज़र अवॉर्ड से नवाजा गया था. उन्हें वॉल स्ट्रीट जर्नल के लिए खोजी रिपोर्टर और फीचर लेखक के तौर पर 2003 में “स्पष्ट, संक्षिप्त और व्यापक कहानियों के लिए पुरस्कार दिया गया, जिसने अमेरिका में कॉर्पोरेट घोटालों की जड़ों, महत्व और प्रभाव को उजागर किया था.
सिद्धार्थ मुखर्जी प्रतिष्ठित पुलित्जर पुरस्कार प्राप्त करने वाले भारतीय मूल के चौथे व्यक्ति हैं. साल 2011 में उन्हें ये पुरस्कार मिला. वो एक कैंसर चिकित्सक और शोधकर्ता हैं. वो कोलंबिया विश्वविद्यालय में एक सहायक प्रोफेसर और कोलंबिया में एक स्टाफ कैंसर चिकित्सक हैं. हार्पर कोलिंस द्वारा प्रकाशित उनकी किताब “द एम्परर ऑफ ऑल मैलाड्यूम्स: ए बायोग्राफी ऑफ कैंसर” को जूरी ने पुरस्कार के लिए चुना था.
विजय शेषाद्री को साल 2014 में उनके पोइट्री लेखन के लिए पुलित्जर पुरस्कार से नवाजा गया. बता दें कि जब विजय पांच साल के थे, तभी उनके माता-पिता बंगलुरु से संयुक्त राज्य अमेरिका शिफ्ट हो गए थे. उनके पिता ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी में रसायन शास्त्र पढ़ाते थे. उनके कविता संग्रह 3 सेक्शंस के लिए ये पुरस्कार दिया गया था.
2021 में किन भारतीयों को इस पुरस्कार से नवाजा गया?
भारतीय मूल के 2 पत्रकारों मेघा राजगोपाल और नील बेदी को प्रतिष्ठत Pulitzer पुरस्कार से नवाजा गया।
मेघा ने चीन के डिटेंशन कैंपो का सच उजागर किया,जहां लाखों उइगर अपसंखायक मुसलमानों को कैद किया गया था।
नील बेदी ने बच्चों की तस्करी के मामले में लिप्त अधिकारियों का भंडाफोड़ किया था।
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