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क्या है UAE का Golden Visa? कौन कर सकता है आवेदन , फ़ायदे।

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संयुक्त अरब अमीरात का गोल्डन कार्ड वीजा बीते कुछ समय से चर्चा में है। कई खबरें ऐसी भी आई हैं कि यूएई में बसे कई भारतीय व्यक्तियों गोल्डन कार्ड वीजा मिला है। हम आपको बताएंगे कि यह गोल्डन वीजा क्या है, किसे मिल सकता है और इसके फायदे क्या हैं। लेकिन, उससे पहले जान लेते हैं कि आखिर यह गोल्डन वीजा है क्या। 

गोल्डन वीजा क्या है?

वीजा क्लास को मूल रूप से एक स्थायी निवास सिस्टम के रूप में तैयार किया गया था, लेकिन बाद में रेजिडेंसी और विदेश मामलों के डायरेक्टर जेनरल ने कहा कि यह वास्तव में एक लॉनटर्म 10-वर्षीय वीजा है जो नवीकरणीय है।

आमतौर पर, गोल्डन वीजा एक प्रकार का अनुदान है जो अमीर व्यक्तियों को जारी किया जाता है ताकि वे देश में निवास करने के अवसर के लिए महत्वपूर्ण निवेश कर सकें। इस सिस्टम का उपयोग अक्सर सरकारें अपने टैक्स आधार को व्यापक बनाने के लिए करती रही हैं। यूएई निवेशकों और उद्यमियों के लिए विशेष रूप से अपने व्यापार के अनुकूल और टैक्स-फ्री वातावरण के लिए एक आकर्षक गंतव्य के रूप में उभरा है। 

किसी भी दूसरे देश में जाने के लिए आपको दो चीजों की जरूरत पड़ती है। पहला पासपोर्ट और दूसरा वीजा। वीजा ( VISA ) एक तरह का अनुमति पत्र होता है जो आपको इस बात की अनुमति देता है कि आप किसी दूसरे देश में जा सकते हैं। हालांकि, यह आपके वीजा पर ही निर्भर करता है कि आप कितने दिन तक उस देश में रह सकते हैं। वीजा कई प्रकार का होता है जैसे, स्टूडेंट वीजा, टूरिस्ट वीजा, बिजनेस वीजा आदि। 

बात करते हैं यूएई के गोल्डन वीजा की। संयुक्त अरब अमीरात सरकार ने इसी साल इस वीजा का एलान किया था। यह वीजा 10 साल की अवधि का होता है। यूएई सरकार ने यह वीजा वहां निवेश करने वालों, बड़ी अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के मालिकों, शोधकर्ताओं और प्रतिभाशाली विद्यार्थियों तो यूएई के विकास में भागीदार बनाने के उद्देश्य के साथ शुरू किया था। 

यूएई के उप राष्ट्रपति और दुबई के शासक शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम ने इस साल 21 मई को गोल्डन कार्ड की घोषणा की थी। ट्वीट करते हुए उन्होंने कहा था, ‘हमने निवेशकों, बेहतरीन चितित्सकों, इंजीनियरों, वैज्ञानिकों और कलाकारों को स्थायी नागरिकता देने के लिए एक नए ‘गोल्डन कार्ड’ व्यवस्था शुरू की है।’

अब गोल्डन वीजा कौन प्राप्त कर सकता है?

यूएई के गोल्डन वीजा का लेटेस्ट विस्तार अब पीएचडी धारकों को मिलेगा जिन्होंने दुनिया के टॉप 500 विश्वविद्यालयों में से एक से अध्ययन किया है। नए कानून के तहत, प्रमाणित डॉक्टर भी वीजा प्राप्त कर सकते हैं क्योंकि देश कोरोना वायरस महामारी से रेजिडेंट मेडिकल पेशेवरों की कमी को पूरा करेगा।

कंप्यूटर, इलेक्ट्रॉनिक्स, प्रोग्रामिंग इलेक्ट्रॉनिक्स, एक्टिव टैक्नोलॉजी, इलेक्ट्रिकल्स, एआई और बिग डेटा के क्षेत्र में विशेषज्ञता प्राप्त करने वाले इंजीनियर भी वीजा के लिए पात्र हैं। यह वीजा माध्यमिक-विद्यालय या विश्वविद्यालय के छात्रों को मिल सकता है, जिनके पास एकेडमिक रिकॉर्ड (95 प्रतिशत या अधिक) हैं। इन छात्रों के परिवारों के लिए लॉन्ग टर्म वीजा भी जारी किया जा सकता है।

वीजा काफी पढ़े-लिखे लोगों को भी मिलेगा, जिन्हें सरकार द्वारा अनुमोदित विश्वविद्यालयों से 3.8 (4 में से) या उससे अधिक के ग्रेड प्वाइंट एवरेज (जीपीए) अंक प्राप्त हुए हैं। यह उन वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं को भी मिलेगा जो अपने चुने हुए क्षेत्रों के विशेषज्ञ हैं, जब तक कि उन्हें अमीरात वैज्ञानिक परिषद द्वारा मान्यता प्राप्त है। वैज्ञानिक उत्कृष्टता के लिए मोहम्मद बिन राशिद पदक के धारक भी वीजा के लिए आवेदन कर सकते हैं।

गोल्डन वीजा के ये हैं फायदे।

ऐसे लोग जिनके पास गोल्डन वीजा होगा उन्हें आम वीजाधारकों की तुलना में कई अतिरिक्त सुविधाएं मिलेंगी। मसलन, सबसे अहम सुविधा यह है कि वे बिना किसी अन्य व्यक्ति या कंपनी की सहायता के अपने पति या पत्नी और बच्चों के साथ यूएई में रह सकेंगे। अभी तक इसके लिए स्पॉन्सर की आवश्यकता पड़ती थी। 

इस वीजा का एक और फायदा यह भी मिलेगा कि गोल्डन वीजाधारक तीन कर्मचारियों को स्पॉन्सर भी कर सकेंगे। इसके अलावा वह अपनी कंपनी के किसी वरिष्ठ कर्मचारी को रेसीडेंसी वीजा भी दिलवा सकेंगे। बता दें कि शेख मोहम्मद ने कहा था कि गोल्डन वीजा वितरण के पहले दौर में 70 से अधिक देशों के 6800 लोगों को यह वीजा दिया जाएगा। 

गोल्डन कार्ड वीजा से संबंधित एक प्रेस वार्ता में यूएई के रेसीडेंसी और विदेशियों के मामले देखने वाले जीडीआरएफए विभाग के महानिदेशक मेजर जनरल मोहम्मद अली मारी ने बताया था कि इस वीजा की अवधि 10 साल होगी। अवधि पूरी होने पर इसे रिन्यू करवाना पड़ेगा। 

यूएई में भारतीय प्रवासी सबसे ज्यादा

संयुक्त अरब अमीरात में सबसे बड़ी प्रवासी आबादी भारतीयों की है। बता दें कि 90 लाख की आबादी वाले यूएई में करीब 30 फीसदी आबादी भारतीय प्रवासियों की है। खबरों के अनुसार यूएई में बसे कई भारतीय कारोबारियों को गोल्डन कार्ड वीजा मिल चुका है। 

खबरों के अनुसार शारजाह में भारतीय कारोबारी लालू सैमुएल को यह वीजा दिया गया है। लालू मध्य पूर्व की सबसे बड़ी मैन्यूफैक्चरिंग कंपनियों में से एक किंग्सटन होल्डिंग्स कंपनी के मालिक हैं। इसके अलावा गहने बनाने वाली कंपनी मालाबार ग्रुप के को-चेयरमैन पीए इब्राहीम हाजी को भी गोल्डन वीजा दिया गया है। इनके अलावा भी कई भारतीय व्यापारियों को गोल्डन वीजा दिए जाने की खबरें हैं।

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हाल ही में संजय दत्त को मिला UAE का गोल्डन वीज़ा।

बॉलीवुड ऐक्‍टर संजय दत्त संयुक्त अरब अमीरात यानी यूएई (UAE) का गोल्डन वीजा (Golden Visa) मिल गया है. एक्टर ने बुधवार को सोशल मीडिया के जरिए यूएई सरकार को धन्यवाद दिया है. इस बात की जानकारी संजू बाबा ने खुद तस्‍वीर शेयर करते हुए सोशल मीडिया पर दी है. संजय दत्त ने अपने इंस्टाग्राम अकाअंट पर गोल्डन वीजा के साथ अपना पासपोर्ट पकड़े हुए खुद की दो तस्वीरें भी शेयर की है.

 

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तस्‍वीरें शेयर करते हुए संजू बाबा ने कैप्‍शन में लिखा है, ‘मेजर जनरल मोहम्मद अल मारी की मौजूदगी में यूएई का गोल्डन वीजा पाकर सम्मानित महसूस कर रहा हूं. इस सम्मान के लिए यूएई सरकार का शुक्रगुजार हूं. गोल्‍डन वीजा का मतलब यह है कि अब संजय दत्त यूएई में 10 साल तक रह सकते हैं. आम तौर पर यह वीजा पहले बिजनस मैन और इन्‍वेस्‍टर्स के साथ ही डॉक्‍टर्स और ऐसे ही दूसरे प्रोफेशन के लोगों को दी जाती थी. हालांकि, बाद में इसके नियमों में बदलाव किया गया.

संजय दत्त ने गोल्‍डन वीजा देने के लिए यूएई के अधिकारियों का शुक्रिया अदा किया है. शेयर की गई एक तस्‍वीर में संजय अपना पासपोर्ट दिखा रहे हैं. जबकि, दूसरी फोटो में वह मेजर जनरल मोहम्मद अल मारी के साथ नजर आ रहे हैं. मोहम्‍मद अल मारी दुबई में जनरल डायरेक्ट्रेट ऑफ रेजीडेंसी एंड फॉरेन अफेयर्स के डायरेक्टर जनरल हैं.

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