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World Environment Day 2021:Theme, Significance, History ,Quotes in Hindi.

हर वर्ष 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का मुख्य कारण है व्यक्ति को पर्यावरण के प्रति सचेत करने का। हम इंसानों और पर्यावरण के बीच बहुत गहरा संबंध है। प्रकृति के बिना हमारा जीवन संभव नहीं है। हमें प्रकृति के साथ तालमेल बिठाना ही होगा। विश्व में लगातार वातावरण दूषित होते जा रहा है, जिसका गहरा प्रभाव हमारे जीवन में पड़ रहा है।

सन 1972 से विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जा रहा है। संयुक्त राष्ट्र संघ ने 5 जून 1972 को विश्व पर्यावरण दिवस मनाने की नींव रखी। तब से लगातार हर वर्ष 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जा रहा है।

विश्व पर्यावरण दिवस का इतिहास।

पूरे विश्व में आम लोगों को जागरुक बनाने के लिये साथ ही कुछ सकारात्मक पर्यावरणीय कार्यवाही को लागू करने के द्वारा पर्यावरणीय मुद्दों को सुलझाने के लिये, मानव जीवन में स्वास्थ्य और हरित पर्यावरण के महत्व के बारे में वैश्विक जागरुकता को फैलाने के लिये वर्ष 1973 से हर 5 जून को एक वार्षिक कार्यक्रम के रुप में विश्व पर्यावरण दिवस (डबल्यूईडी के रुप में भी कहा जाता है) को मनाने की शुरुआत की गयी जो कि कुछ लोगों, अपने पर्यावरण की सुरक्षा करने की जिम्मेदारी सिर्फ सरकार या निजी संगठनों की ही नहीं बल्कि पूरे समाज की जिम्मेदारी है ।

1972 में संयुक्त राष्ट्र में 5 से 16 जून को मानव पर्यावरण पर शुरु हुए सम्मेलन में संयुक्त राष्ट्र आम सभा और संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनइपी) के द्वारा कुछ प्रभावकारी अभियानों को चलाने के द्वारा हर वर्ष मनाने के लिये पहली बार विश्व पर्यावरण दिवस की स्थापना हुयी थी। इसे पहली बार 1973 में कुछ खास विषय-वस्तु के “केवल धरती” साथ मनाया गया था। 1974 से, दुनिया के अलग-अलग शहरों में विश्व पर्यावरण उत्सव की मेजबानी की जा रही है।

कुछ प्रभावकारी कदमों को लागू करने के लिये राजनीतिक और स्वास्थ्य संगठनों का ध्यान खींचने के लिये साथ ही साथ पूरी दुनिया भर के अलग देशों से करोड़ों लोगों को शामिल करने के लिये संयुक्त राष्ट्र आम सभा के द्वारा ये एक बड़े वार्षिक उत्सव की शुरुआत की गयी है।

विश्व पर्यावरण दिवस क्यों मनाया जाता है।

बड़े पर्यावरण मुद्दें जैसे भोजन की बरबादी और नुकसान, वनों की कटाई, ग्लोबल वार्मिंग का बढ़ना इत्यादि को बताने के लिये विश्व पर्यावरण दिवस वार्षिक उत्सव को मनाने की शुरुआत की गयी थी। पूरे विश्वभर में अभियान में प्रभाव लाने के लिये वर्ष के खास थीम और नारे के अनुसार हर वर्ष के उत्सव की योजना बनायी जाती है।

पर्यावरण संरक्षण के दूसरे तरीकों सहित बाढ़ और अपरदन से बचाने के लिये सौर जल तापक, सौर स्रोतों के माध्यम से ऊर्जा उत्पादन, नये जल निकासी तंत्र का विकास करना, प्रवाल-भिति को बढ़ावा देना और मैनग्रोव का जीणोंद्धार आदि के इस्तेमाल के लिये आम लोगों को बढ़ावा देना, सफलतापूर्वक कार्बन उदासीनता को प्राप्त करना, जंगल प्रबंधन पर ध्यान देना, ग्रीन हाउस गैसों का प्रभाव घटाना, बिजली उत्पादन को बढ़ाने के लिये हाइड्रो शक्ति का इस्तेमाल, निम्निकृत भूमि पर पेड़ लगाने के द्वारा बायो-ईंधन के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिये इसे मनाया जाता है।

विश्व पर्यावरण दिवस अभियान के कुछ लक्ष्य यहाँ दिये गये हैं।

पर्यावरण मुद्दों के बारे में आम लोगों को जागरुक बनाने के लिये इसे मनाया जाता है।

विकसित पर्यावरणीय सुरक्षा उपायों में एक सक्रिय एजेंट बनने के साथ ही साथ उत्सव में सक्रियता से भाग लेने के लिये अलग समाज और समुदाय से आम लोगों को बढ़ावा देते हैं।

उन्हें जानने दो कि पर्यावरणीय मुद्दों की ओर नकारात्मक बदलाव रोकने के लिये सामुदायिक लोग बहुत जरुरी हैं।

सुरक्षित, स्वच्छ और अधिक सुखी भविष्य का आनन्द लेने के लिये लोगों को अपने आसपास के माहौल को सुरक्षित और स्वच्छ बनाने के लिये प्रोत्साहित करना चाहिये।

विश्व पर्यावरण दिवस से जुड़े एक्टिविटी (क्रिया-कलाप)।

उत्सव की ओर और अधिक लोगों को प्रोत्साहित करने के लिये अलग-अलग देशों में इस महान कार्यक्रम को मनाने के लिये विभिन्न प्रकार के क्रियाकलापों की योजना बनायी जाती है। सभी पर्यावरण से संबंधित मुद्दों को सुलझाने के लिये पर्यावरण की ओर सकारात्मक बदलाव और प्रभाव लाने के लिये विभिन्न खबरिया चैनल समाचार प्रकाशन के द्वारा आम लोगों के बीच उत्सव के बारे में संदेश फैलाने और खबर को देने के लिये उत्सव में पूरी सक्रियता से भाग लेते हैं।

अंतर लाने के लिये साथ ही पर्यावरणीय मुद्दों के व्यापक पहुँच की ओर लोगों का ध्यान खींचने के लिये परेड और बहुत सारी गतिविधियाँ, अपने आसपास के क्षेत्रों को साफ करना, गंदगी का पुनर्चक्रण करना, पेड़ लगाना, सड़क रैलियों सहित कुछ राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के क्रिया-कलाप शामिल हैं।

प्रकृति के द्वारा उपहार स्वरुप दिये गये वास्तविक रुप में अपने ग्रह को बचाने के लिये उत्सव के दौरान सभी आयु वर्ग के लोग सक्रियता से शामिल होते हैं। बहुत सारी गतिविधियों के द्वारा जैसे स्वच्छता अभियान, कला प्रदर्शनी, पेड़ लगाने के लिये लोगों को प्रोत्साहित करना, नृत्य क्रियाकलाप, कूड़े का पुनर्चक्रण, फिल्म महोत्सव, सामुदायिक कार्यक्रम, निबंध लेखन, पोस्टर प्रतियोगिया, सोशल मीडिया अभियान और भी बहुत सारे उत्सव में खासतौर से आज के दौर के युवा बड़ी संख्या में भाग लेते हैं।

अपने पर्यावरण की सुरक्षा की ओर विद्यार्थीयों को प्रोत्साहित करने के लिये स्कूल, कॉलेज और दूसरे शैक्षणिक संस्थानों में भी बहुत सारे जागरुकता अभियान चलाए जा रहें हैं। ऐसे पर्यावरणीय मुद्दों को सुलझाने के लिये क्या कदम उठाने चाहिये उन्हें जानने देने के साथ ही पर्यावरण के गिरते स्तर के वास्तविक कारण के बारे में आम जनता को जागरुक करने के लिये सार्वजनिक जगहों में विभिन्न कार्यक्रमों को आयोजित करने के द्वारा राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उत्सव मनाया जाता है।

विश्व पर्यावरण दिवस का थीम और नारे।

वैश्विक स्तर पर पर्यावरणीय मुद्दों को बताने में बड़ी संख्या में भाग लेने के लिये पूरे विश्वभर में बड़ी संख्या में लोगों को बढ़ावा देने के द्वारा उत्सव को ज्यादा असरदार बनाने के लिये संयुक्त राष्ट्र के द्वारा निर्धारित खास थीम पर हर वर्ष का विश्व पर्यावरण दिवस उत्सव आधारित होता है।

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विभिन्न वर्षों के आधार पर दिये गये थीम और नारे यहाँ सूचीबद्ध है।

विश्व पर्यावरण दिवस 2020 का थीम “जैव विविधता का जश्न मनाएं” (Celebrate Biodiversity) है।

विश्व पर्यावरण दिवस 2019 की थीम “बीट एयर पॉल्यूशन” अर्थात “वायु प्रदूषण को हराएँ” था।

वर्ष 2018 का थीम “बीट प्लास्टिक प्रदूषण” था।

वर्ष 2017 का थीम “प्रकृति से लोगों को जोड़ना” था।

वर्ष 2016 का थीम था “दुनिया को एक बेहतर जगह बनाने के लिए दौड़ में शामिल हों”।

वर्ष 2015 का थीम था “एक विश्व, एक पर्यावरण।”

वर्ष 2014 का थीम था “छोटे द्वीप विकसित राज्य होते है” या “एसआइडीएस” और “अपनी आवाज उठाओ, ना कि समुद्र स्तर।”

वर्ष 2013 का थीम था “सोचो, खाओ, बचाओ” और नारा था “अपने फूडप्रिंट को घटाओ।”

वर्ष 2012 का थीम था “हरित अर्थव्यवस्था: क्यो इसने आपको शामिल किया है?”

वर्ष 2011 का थीम था “जंगल: प्रकृति आपकी सेवा में।”

वर्ष 2010 का थीम था “बहुत सारी प्रजाति। एक ग्रह। एक भविष्य।”

वर्ष 2009 का थीम था “आपके ग्रह को आपकी जरुरत है- जलवायु परिवर्तन का विरोध करने के लिये एक होना।”

वर्ष 2008 का थीम था “CO2, आदत को लात मारो- एक निम्न कार्बन अर्थव्यवस्था की ओर।”

वर्ष 2007 का थीम था “बर्फ का पिघलना- एक गंभीर विषय है?”

वर्ष 2006 का थीम था “रेगिस्तान और मरुस्थलीकरण” और नारा था “शुष्क भूमि पर रेगिस्तान मत बनाओ।”

वर्ष 2005 का थीम था “हरित शहर” और नारा था “ग्रह के लिये योजना बनाये।”

वर्ष 2004 का थीम था “चाहते हैं! समुद्र और महासागर” और नारा था “मृत्यु या जीवित?”

वर्ष 2003 का थीम था “जल” और नारा था “2 बिलीयन लोग इसके लिये मर रहें हैं।”

वर्ष 2002 का थीम था “पृथ्वी को एक मौका दो।”

वर्ष 2001 का थीम था “जीवन की वर्ल्ड वाइड वेब।”

वर्ष 2000 का थीम था “पर्यावरण शताब्दी” और नारा था “काम करने का समय।”

वर्ष 1999 का थीम था “हमारी पृथ्वी- हमारा भविष्य” और नारा था “इसे बचायें।”

वर्ष 1998 का थीम था “पृथ्वी पर जीवन के लिये” और नारा था “अपने सागर को बचायें।”

वर्ष 1997 का थीम था “पृथ्वी पर जीवन के लिये।”

वर्ष 1996 का थीम था “हमारी पृथ्वी, हमारा आवास, हमारा घर।”

वर्ष 1995 का थीम था “हम लोग: वैश्विक पर्यावरण के लिये एक हो।”

वर्ष 1994 का थीम था “एक पृथ्वी एक परिवार।”

वर्ष 1993 का थीम था “गरीबी और पर्यावरण” और नारा था “दुष्चक्र को तोड़ो।”

वर्ष 1992 का थीम था “केवल एक पृथ्वी, ध्यान दें और बाँटें।”

वर्ष 1991 का थीम था “जलवायु परिवर्तन। वैश्विक सहयोग के लिये जरुरत।”

वर्ष 1990 का थीम था “बच्चे और पर्यावरण।”

वर्ष 1989 का थीम था “ग्लोबल वार्मिंग; ग्लोबल वार्मिंग।”

वर्ष 1988 का थीम था “जब लोग पर्यावरण को प्रथम स्थान पर रखेंगे, विकास अंत में आयेगा।”

वर्ष 1987 का थीम था “पर्यावरण और छत: एक छत से ज्यादा।”

वर्ष 1986 का थीम था “शांति के लिये एक पौधा।”

वर्ष 1985 का थीम था “युवा: जनसंख्या और पर्यावरण।”

वर्ष 1984 का थीम था “मरुस्थलीकरण।”

वर्ष 1983 का थीम था “खतरनाक गंदगी को निपटाना और प्रबंधन करना: एसिड की बारिश और ऊर्जा।”

वर्ष 1982 का थीम था “स्टॉकहोम (पर्यावरण चिंताओं का पुन:स्थापन) के 10 वर्ष बाद।”

वर्ष 1981 का थीम था “जमीन का पानी; मानव खाद्य श्रृंखला में जहरीला रसायन।”

वर्ष 1980 का थीम था “नये दशक के लिये एक नयी चुनौती: बिना विनाश के विकास।”

वर्ष 1979 का थीम था “हमारे बच्चों के लिये केवल एक भविष्य” और नारा था “बिना विनाश के विकास।”

वर्ष 1978 का थीम था “बिना विनाश के विकास।”

वर्ष 1977 का थीम था “ओजोन परत पर्यावरण चिंता; भूमि की हानि और मिट्टी का निम्निकरण।”

वर्ष 1976 का थीम था “जल: जीवन के लिये एक बड़ा स्रोत।”

वर्ष 1975 का थीम था “मानव समझौता।”

वर्ष 1974 का थीम था “ ’74’ के प्रदर्शन के दौरान केवल एक पृथ्वी।”

वर्ष 1973 का थीम था “केवल एक पृथ्वी।”

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विश्व पर्यावरण दिवस पर कथन।

विश्व पर्यावरण दिवस पर कुछ प्रसिद्ध कथन (प्रसिद्ध व्यक्तियों द्वारा दिये गये) यहाँ दिया गये हैं।

“पर्यावरण सब कुछ है जो मैं नहीं हूँ।”- अल्बर्ट आइंस्टाईन

“इन पेड़ों के लिये भगवान ध्यान देता है, इन्हें सूखे, बीमारी, हिम्स्खलन और एक हजार तूफानों और बाढ़ से बचाता है। लेकिन वो इन्हें बेवकूफों से नहीं बचा सकता।”- जॉन मुइर

“भगवान का शुक्र है कि इंसान उड़ नहीं सकता, नहीं तो पृथ्वी के साथ ही आकाश को भी बरबाद कर देता।”- हेनरी डेविड थोरियु

“कभी शंका मत करो कि विचारशील का एक छोटा समूह, समर्पित नागरिक दुनिया को बदल सकता है; वास्तव में, ये एकमात्र चीज है जो हमेशा पास है।”- मार्गरेट मीड

“हमारे पास एक समाज नहीं होगा अगर हम पर्यावरण का नाश करेंगे।”- मार्गरेट मीड

“ये भयावह है कि पर्यावरण को बचाने के लिये हमें अपने सरकार से लड़ना पड़े।”- अंसेल एड्म्स

“मैं सोचता हूँ पर्यावरण को राष्ट्रीय सुरक्षा की श्रेणी में रखना चाहिये। अपने संसाधनों की रक्षा करना सीमा की सुरक्षा के समान ही जरुरी है। अन्यथा वहाँ क्या है रक्षा करने को?”- राबर्ट रेडफोर्ट

“अच्छे जल और हवा में एक प्रवाह लें; और प्रकृति के जीवंत युवा में आप इसे खुद से नया कर सकते हैं। शांति से जायें, अकेले; तुम्हारा कोई नुकसान नहीं होगा।”- जॉन मुइर

“पक्षी पर्यावरण की संकेतक होती है। अगर वो परेशानी में है, हम जानते हैं कि हमलोग जल्दी ही परेशानी में होंगे।”- रोजर टोरी पीटर्सन

“कीचड़ से साफ पानी में प्रदूषण करने के द्वारा आप कभी भी पीने को अच्छा पानी नहीं पायेंगे।”- एशीलस

“अगर हम पृथ्वी को सुंदरता और खुशी पैदा करने की अनुमति नहीं देते, अंत में ये भोजन पैदा नहीं करेगा, दोनों में से एक।”- जोसेफ वुड क्रच

“वो दावा करते हैं ये हमारी माँ का, धरती, उनके अपने प्रयोग के लिये, और उससे उनके पड़ोसियों को दूर रखो, अपने बिल्डिंगों और अपने कूड़े से बिगाड़ों उसे।”- सिटींग बुल

“मनुष्य और भूमि के बीच सौहार्द की एक स्थिति संरक्षण है।”- एलडो लियोपोल्ड

“आखिरकार, निरंतरता का अर्थ वैश्विक पर्यावरण का चलते रहना है- पृथ्वी निगमित- एक कार्पोरेशन की तरह: घिसावट के साथ, ऋणमुक्ति और रख-रखाव खाता। दूसरे शब्दों में, समस्त संपत्ति को रखना, बजाय इसके कि आपकी प्राकृतिक पूँजी को खोखला कर दें।”-मॉरिस स्ट्राँग

“भूमि के साथ सौहार्द एक दोस्त के सौहार्द जैसा है; आप उसके दायें हाथ को प्यार करें और बांये हाथ को काट नहीं सकते।”- एल्डो लियोपोल्ड

“आप मर सकते हैं लेकिन कार्बन नहीं; इसका जीवन आपके साथ नहीं मरेगा। ये वापस जमीन में चला जायेगा, और और वहाँ एक पौधा उसे दुबारा से उसी समय में ले सकता है, पौधे और जानवरों के जीवन के एक चक्र पर एक बार उसे दुबारा से भेजें।”- जैकब ब्रोनोस्की

“लोग अपने पर्यावरण को दोषी ठहराते हैं। इसमें केवल एक व्यक्ति को दोषी ठहराना है- और केवल एक- वो खुद।”-रॉबर्ट कॉलियर

“मैं प्रकृति, जानवरों में, पक्षियों में और पर्यावरण में ईशवर को प्राप्त कर सकता हूँ, पैट बकले

“हमें जरुर प्रकृति को लौटाना चाहिये और प्रकृति का ईश्वर।”- लूथर बरबैंक

“आगे बढ़ने का एक ही रास्ता है, अगर हम अवश्य पर्यावरण की गुणवत्ता को सुधार दें, सभी को शामिल होने के लिये है।”- रिचर्ड्स रोजरर्स

“हमारे पर्यावरण के लिये एक सच्ची वचनबद्धता के लिये मेरे साथ यात्रा। संतुलन में एक ग्रह को हमारे बच्चों के लिये छोड़ने की शुद्धता के लिये मेरे साथ यात्रा।”- पॉल सोंगास

“पर्यावरण निम्निकरण, अधिक जनसंखया, शरणार्थी, मादक पदार्थ, आतंकवाद, विश्व अपराध आंदोलन और प्रायोजित अपराध पूरे विश्व की समस्या है जो राष्ट्र की सीमा पर नहीं रुकता है।”- वारेन क्रिस्टोफर

“मैं सोचता हूँ कि सरकार को अपने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्राथमिकताओं में पर्यावरण को सबसे ऊपर की ओर खिसकाना चाहिये।”- ब्रॉयन मुलरोनी

“सार्वजनिक जीवन में अब मजबूती से अंत:स्थापित है पर्यावरण चिंता: शिक्षा में, मेडिसीन और कानून; पत्रकारिता में, साहित्य और कला में।”- बैरी कमोनर

“पृथ्वी दिवस 1970 अखंडनीय सबूत है कि अमेरिकन लोग पर्यावरण के डर को समझते हैं और इसको सुलझाने के लिये कार्यवाही करना चाहते हैं।”- बैरी कमोनर

“सरकार को स्वच्छ पर्यावरण के लिये एक लक्ष्य निर्धारित करना चाहिये ना कि शासनादेश कैसे ये लक्ष्य लागू करना चाहिये।”- डिक्सी ली रे

“क्यों ऐसा प्रतीत होता है कि केवल एक ही तरीका है पर्यावरण को सुधारने का और वो है सरकार का कड़ा नियमन?”- गेल नॉरटन

“एक बहुत महत्वपूर्ण पर्यावरण मुद्दा है जिसका कभी कभार ही जिक्र होता है, और जो कि हमारी संस्कृति में एक संरक्षण संस्कृति की कमी है।”- गेलार्ड नेल्सन

“पृथ्वी हर मनुष्य की जरुरत को पूरा करता है, लेकिन हर व्यक्ति के लालच को नहीं।”- महात्मा गाँधी

“विश्व के जंगलों से हम क्या रहें हैं केवल एक शीशे का प्रतिबिंब है जो हम अपने और एक-दूसरे के साथ कर रहें हैं।”- महात्मा गाँधी

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पहली बार विश्व पर्यावरण दिवस की मेजबानी करेगा पाकिस्तान

पाकिस्तान पांच जून को ‘विश्व पर्यावरण दिवस’ की पहली बार मेजबानी करेगा. पाक प्रधानमंत्री इमरान खान ने इसे सम्मान की बात बताया है. उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम के साथ साझेदारी में विश्व पर्यावरण दिवस 2021 की मेजबानी करना बड़े सम्मान की बात है.

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने गुरुवार को कहा कि पाकिस्तान पांच जून को ‘विश्व पर्यावरण दिवस’ की पहली बार मेजबानी करेगा और उन कदमों को दिखाएगा जो उसने जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए उठाए हैं.

विश्व पर्यावरण सम्मेलन में शामिल होंगे खान

खान चार जून की रात को विश्व पर्यावरण सम्मेलन में भी शामिल होंगे, जिसमें संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस, पोप फ्रांसिस और जर्मन चांसलर एंजेला मार्केल भी शिरकत करेंगी.

खान ने कहा कि उनकी सरकार जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने के लिए कदम उठा रही हैं ताकि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक बेहतर और सुरक्षित भविष्य सुनिश्चित हो सके.

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान उन शीर्ष दस देशों में शामिल है जो जलवायु परिवर्तन से सबसे ज्यादा जोखिम में हैं क्योंकि ग्लेशियर पिघल रहे हैं और इसका असर नदियों और कृषि पर पड़ेगा.

विश्व पर्यावरण दिवस की थीम।

विश्व पर्यावरण दिवस 2021 की थीम पारिस्थितिकी तंत्र बहाली है। इसलिए पर्यावरण दिवस पर पर्यावरण की बहाली का संकल्प लेना चाहिए। संपूर्ण मानवता का अस्तित्व प्रकृति पर निर्भर है। इसलिए एक स्वस्थ एवं सुरक्षित पर्यावरण के बिना मानव समाज की कल्पना अधूरी है। प्रकृति को बचाने के लिए हमसब को मिलकर कुछ संकल्प लेना होगा। जिसमें वर्ष में कम से कम एक पौधा अवश्य लगाएं और उसे बचाएं तथा पेड़-पौधों के संरक्षण में सहयोग करें।

इस वर्ष के विश्व पर्यावरण दिवस का विषय पारिस्थितिकी तंत्र बहाली (Ecosystem Restoration) है। पाकिस्तान वैश्विक मेजबान के रूप में कार्य करेगा।

विश्व पर्यावरण दिवस 2021 में पारिस्थितिक तंत्र बहाली पर संयुक्त राष्ट्र के फैसले का शुभारंभ होगा।

पारिस्थितिकी तंत्र की बहाली कई रूप में कर सकते है: पेड़ लगाकर, शहरों को हरा-भरा करना, बागों को फिर से बनाना, आहार बदलना या नदियों और तटों की सफाई करना। यह वह पीढ़ी है जो प्रकृति के साथ शांति बना सकती है।

क्या होती है परिस्तिक तंत्र बहाली।(Ecosystem Restoration)

पारिस्थितिकीय बहाली द्वारा परिभाषित किया गया है पारिस्थितिक बहाली के समाज के रूप में “अपमानित, क्षतिग्रस्त या नष्ट कर दिया गया है कि एक पारिस्थितिकी तंत्र की वसूली में सहायता करने की प्रक्रिया।” रेफरी इस प्रकार, पुनर्स्थापना परियोजनाओं का उद्देश्य प्रजातियों के संयोजन, खाद्य जाले, और स्वस्थ पारिस्थितिक कार्यप्रणाली को बहाल करके एक अक्षुण्ण, अविकसित या “संदर्भ” साइट के गुणों को पुनर्प्राप्त करना है।

पारिस्थितिक बहाली में निष्क्रिय और सक्रिय रणनीति दोनों शामिल हो सकते हैं। निष्क्रिय बहाली की रणनीति प्रबंधन कार्यों को शामिल करें जो निवास स्थान की रक्षा करते हैं और प्राकृतिक वसूली और बेहतर पारिस्थितिक कामकाज की अनुमति देते हैं। इन रणनीतियों में समुद्री संरक्षित क्षेत्र शामिल हो सकते हैं जो बढ़ी हुई शाकाहारी या भूमि आधारित अपवाह और प्रदूषण को कम करते हैं। 

सक्रिय बहाली रणनीतियों में सीधे हस्तक्षेप शामिल हैं जो वसूली में तेजी लाने का लक्ष्य रखते हैं, और कोरल बागवानी और प्रत्यारोपण या मैन्युअल रूप से मैक्रोलेगा को हटाने जैसी रणनीतियों को शामिल कर सकते हैं। यह मॉड्यूल मुख्य रूप से सक्रिय बहाली तकनीकों और हस्तक्षेपों पर ध्यान केंद्रित करेगा।

बहाली को हमेशा प्रभावी प्रबंधन कार्यों के माध्यम से मूल प्रवाल भित्तियों के आवासों को संरक्षित करने के लिए एक माध्यमिक दृष्टिकोण के रूप में देखा जाना चाहिए। कोरल बहाली अप्रभावी होने की संभावना है यदि एक स्टैंड-अलोन प्रबंधन रणनीति के रूप में किया जाता है और इसलिए इसे व्यापक एकीकृत के भीतर उपयोग किया जाना चाहिए प्रबंधन योजना जो पुराने तनावों को कम करती है प्रवाल प्रत्यारोपण से पहले।

प्रबंधकों और चिकित्सकों को भी कोरल बहाली के बारे में अपने निर्णयों में जलवायु परिवर्तन पर विचार करना चाहिए, क्योंकि भविष्य के परिदृश्य दीर्घकालिक सफलता और कार्यक्रम स्थिरता को प्रभावित करने की संभावना है।

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