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Jhulan Goswami biography in Hindi. Jhulan Goswami की जीवनी।

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झूलन गोस्वामी भारत का एक चमकता सितारा हैं जिनके नाम की गूंज आज पूरे विश्व भर में गूंज रही है । झूलन गोस्वामी भारत माता की एक ऐसी बेटी है जिन्होंने आसमान के सितारों को भी अपने नाम किया अर्थात इन्होंने अंतराष्ट्रीय जाने-माने चेहरों में अपनी पहचान बनाई है । यह आज के दौर की सबसे तेज महिला क्रिकेटर गेंदबाज के नाम से विश्व भर में विख्यात है। जिन्होंने न केवल देश का सिर ऊंचा किया बल्कि देश को गौरव प्राप्त करा कर यह भी दिखा दिया कि देश की बेटी किसी भी बेटों से कम नहीं है ।

झूलन गोस्वामी का जीवन परिचय | Jhulan Goswami Biography In Hindi

नाम (Name)- झूलन निशित गोस्वामी

उपनाम (Nick Name)- बाबुल

जन्म (Date of Birth) -25 नवंबर 1983

आयु (Age)- 48 वर्ष (2021 तक)

जन्म स्थान (Birth Place)- नदिया, पश्चिम बंगाल

पिता का नाम (Father Name)-निशित गोस्वामी

माता का नाम (Mother Name)- झरना गोस्वामी

पति का नाम (Husband Name)- ज्ञात नहीं

पेशा (Occupation)- क्रिकेटर (भारतीय टीम की तेज गेंदबाज)

तेज गेंद (Fastest Ball)- 120 km/h

बच्चे (Children)- ज्ञात नहीं

भाई-बहन (Siblings)- ज्ञात नहीं

अवार्ड (Award)- पद्मश्री

झूलन गोस्वामी जो आज भारतीय क्रिकेट टीम की सबसे तेज गेंदबाज जानी जाती है अर्थात आज इन्हें कौन नहीं जानता है । इनका जन्म 25 नवंबर 1983 में भारत के पश्चिम बंगाल राज्य के नदिया जिले के चकदा नामक स्थान में हुआ । इनके पिता जी का नाम निशित गोस्वामी है एवं उनकी माता का नाम  झरना गोस्वामी है ।  झूलन जी का पूरा नाम झूलन निशित गोस्वामी है तथा परिवार वाले इन्हें प्रेम से उनको बाबुल कह कर पुकारते थे ।

इनका  परिवार मुख्य रूप से सामान्य मध्यमवर्गीय रहा है जिस कारण इन्हें शुरुआती दौर में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा । उन्हें शुरू से ही खेलकूद के क्षेत्र में बड़ी रुचि रही है । शुरुआत में उन्हें फुटबॉल का खेल बहुत प्रिय था परंतु जब एक बार ईडन गार्डन में ब्लेंडा क्लार्क को उन्होंने क्रिकेट खेलते हुए देखा तभी से उन्होंने क्रिकेट खेलने को ही अपना लक्ष्य बना लिया एवं दृढ़ निश्चय कर लिया कि अब उन्हें क्षेत्र में ही आगे बढ़ना है ।

आरंभिक समय

क्योंकि इस समय महिलाओं के द्वारा क्रिकेट की ओर रुझान एवं क्रिकेट खेलने की चाह को अधिक मान्यता नहीं दी जाती थी । परंतु उनके हौसलों तले तो कठिनाइयों को भी झुकना पड़ा। उन्होंने दृढ़ निश्चय कर अपने परिवार को सहमत तो कर लिया परन्तु आरंभिक समय में इन्हें परिवार से अधिक समर्थन नहीं मिला । उसी समय झूलन जी को उनके जीवन में एक नई किरण के रूप में क्रिकेट के कोच स्वप्न साधु मिले ।

इन्होंने झूलन जी की  प्रतिभा देख क्रिकेट के प्रति उनके लगाव को और उनके हुनर को पहचान कर झूलन जी का समर्थन किया और परिवार वालों को उनके प्रतिभा से अवगत कराया । जिससे उन्हें एक नई उड़ान भरने की अनुमति मिल गई ।

चुकि झूलन जी के निकट कोई क्रिकेट संस्थान ना हो पाने के कारण इन्हें कोलकाता के क्रिकेट संस्थान में जाकर अपना अभ्यास करना पड़ता था । अतः अपने लक्ष्य को पाने के लिए इन्हें कड़ी चुनौतियों का भी सामना करना पड़ा फिर इन्होंने क्रिकेट में एक गेंदबाज के रूप में अपनी नई शुरुआत की । इन्होंने यहां खूब मेहनत कर भारतीय महिला क्रिकेट टीम की ओर से खेलना शुरू किया ।

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क्रिकेट का दौर | Jhulan Goswami Career

आरंभिक समय में जब इन्होंने खेलना शुरू किया तो इन्हें काफी सफलता मिली । जिससे इनका मनोबल बढ़ता गया एवं इन्होंने महज 19 वर्ष की आयु में 14 जनवरी 2002 के टेस्ट में पदार्पण( कैप 5 ) मैं भारतीय महिला क्रिकेट टीम की ओर से इंग्लैंड महिला क्रिकेट टीम के विपरीत प्रदर्शन किया ।

फिर ये हमें अंतिम टेस्ट 16 नवंबर 2015 में दक्षिण अफ्रीका के वितरित शानदार प्रदर्शन करते हुए नजर आई । 16 जनवरी 2002 में फिर से इन्होंने इंग्लैंड महिला टीम के विपरीत एक दिवसीय पदार्पण (कैप 61) में प्रदर्शन करते हुए नजर आई ।

वर्ष 2015, 8 जुलाई में अंतिम एक दिवसीय में अपना प्रदर्शन करते हुए महिला क्रिकेट टीम बनाम न्यूजीलैंड महिला टीम में खेला । फिर उन्होंने एक दिवसीय शार्ट संख्या 25 में भी खेला ।

खेल संबंधित मुख्य तथ्य | Jhulan Goswami Facts

झूलन गोस्वामी ने भारतीय क्रिकेट पक्ष में अपनी पहचान बनाने के साथ-साथ यह भारत की सबसे तेज गेंदबाज भी बनी । क्रिकेट के खेल में इनकी भूमिका हरफनमौला के रूप में रही है । इनकी बल्लेबाजी की शैली दाहिने हाथ से एवं इनकी गेंदबाजी की शैली दाहिने हाथ से मध्यम गति की है । झूलन जी विश्व भर में महिला क्रिकेटरों में सबसे अधिक विकेट लेने वाली महिला गेंदबाज रही हैं । अतः यह घरेलू क्रिकेट बंगाल के लिए खेलती है।

पुरस्कार एवं सम्मान | Jhulan Goswami Achievements & Awards

 वर्ष 2007 में इन्हें आईसीसी पुरस्कार के खिताब के साथ सम्मानित किया गया जिसमें इन्हें वर्ष के सबसे अच्छे महिला क्रिकेटर के रूप में नवाजा गया  । वर्ष 2010 में इन्हें अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इसके बाद वर्ष 2012 में इन्हें पद्मश्री पुरस्कार से नवाजा गया ।अतः इन्हें एक बार ए चिदंबरम ट्रॉफी के लिए सर्वश्रेष्ठ महिला क्रिकेटर खिलाड़ी का भी किताब से पुरस्कृत किया गया। यह मिताली राज से भी पहले भारतीय महिला क्रिकेट टीम में कप्तान भी रह चुकी है। यह एक दिवसीय क्रिकेट मैच में सबसे अधिक विकेट लेने वाली क्रिकेटर भी हैं। इन्होंने  वर्ष 2018 में अपने 300 अंतरराष्ट्रीय विकेट पूरे किए ।

वर्ष 2017 की हार के बाद झूलन जी अपने आंखों में एक नए जीत के सपने को लिए 2022 में भी खेलना चाह रही है । भारतीय क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर एवं ऑस्ट्रेलियाई महिला क्रिकेटर ब्लेंडर क्लार्क जिनसे झूलन जी बहुत प्रेरित हैं एवं यह दोनों झूलन जी के बहुत प्रिय क्रिकेटर है ।  

झूलन गोस्वामी के ऐसे 10 तथ्य जिन्हें जानकर आप अचंभित हो जाएंगे

आपको बता दें कि झूलन गोस्वामी का जन्म 25 नवंबर 1983 में पश्चिम बंगाल के नादिया जिले में हुआ. झूलन गोस्वामी की हाइट 5 फुट 11 इंच है जो खुद में दर्शाती है कि यह किसी पुरुष खिलाड़ी से कम नहीं है.

झूलन गोस्वामी सितंबर 2007 में सुर्खियों में आई क्योंकि इन्हें विश्व की सबसे तेज गेंदबाज घोषित करते हुए आईसीसी रैंकिंग में महिला क्रिकेटर ऑफ द ईयर चुना गया.

झूलन गोस्वामी एक बेहतरीन गेंदबाज है इनकी गेंदबाजी की गति 120 किलोमीटर प्रति घंटा है जो विश्व महिला क्रिकेट में सर्वाधिक है. यही कारण है कि आईसीसी ने इन्हें विश्व की सबसे तेज महिला गेंदबाज घोषित किया.

झूलन सबसे ज्यादा विकेट लेने वाली दूसरी महिला क्रिकेटर हैं इन्होंने 79 एकदिवसीय मैचों में 96 विकेट लिए हैं.

यहां तक पहुंचने में झूलन ने बहुत कड़ी मेहनत की क्योंकि इनके क्रिकेटर बनने में इनकी मां- बाप इनसे नाराज रहते थे एक बार तो ये क्रिकेट खेलकर रात में घर देरी से पहुंची थी तो इनकी मां ने इन्हें बाहर ही खड़े रखा.

आज वही झूलन गोस्वामी नदिया एक्सप्रेस के नाम से जाने जाती हैं. बता दें कि झूलन ने अपना पहला टेस्ट मैच लखनऊ में इंग्लैंड की टीम के विरुद्ध 2002 में खेला था तब वह केवल 18 साल की थी.

उन्होंने 2007 तक 8 टेस्ट मैच खेले जिसमें 33 विकेट हासिल किए झूलन कभी भी विकेट लेने में पीछे नहीं रही. इस लीसेस्टर में हुई एक सीरीज के मैच में झूलन ने 78 रन देकर 10 विकेट लिए.

झूलन कहती हैं कि ज्यादातर लोग नहीं जानते कि “महिलाएं भी क्रिकेट खेलती है लेकिन मीडिया के कवरेज के बाद भारत में महिला क्रिकेट को भी जाना गया.”

झूलन को 2006 में मुंबई के कैस्ट्रोल की तरफ से स्पेशल अवॉर्ड भी दिया गया.

शुरूआत में इन्होनं अपनी प्रैक्टिस लड़को के साथ की थी. वो इनकी बॉलिग करने पर हंसते थे जो इन्हें बिल्कुल भी पसमद नहीं था लेकिन हार ना मानते हुए मेहनत करके आज ये दुनिया की सबसे बेहरतीन बल्लेबाजी करने वाली महिला खिलाड़ी बनी गई.

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